महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में गड़बड़ियों को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी की ओर से लेख के जरिए लगाए गए आरोपों पर चुनाव आयोग ने रविवार को फिर तीखी प्रतिक्रिया दी है। चुनाव आयोग से जुड़े उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि यदि राहुल गांधी को लगता है कि मामला बेहद गंभीर है तो उन्हें लिखित में इसकी शिकायत करनी चाहिए।
वह ऐसा क्यों नहीं कर रहे है यह भी दिलचस्प है। वैसे भी उनकी ओर से नए सिरे लगाए गए इन आरोपों को 24 घंटे से अधिक समय हो गया है। चुनाव आयोग को इंतजार है कि लिखित में शिकायत मिले ताकि उसका जवाब दे सके। आयोग से जुड़े सूत्रों के मुताबिक राहुल गांधी की इस मुद्दे पर गंभीरता का पता इससे भी चलता है कि वे लेख में तो इसे बेहद गंभीर मुद्दा बताते है लेकिन उन्होंने कभी भी इस मुद्दे पर आयोग से मिलने के लिए समय नहीं मांगा।
पांच राजनीतिक दलों के साथ हुई बैठक
यह मुद्दा गंभीर था तो उन्हें आयोग से मिलकर इसे प्रमुखता से रखना चाहिए था। वैसे भी आयोग इन दिनों राजनीतिक दलों के साथ चुनावी मुद्दों पर विमर्श करने में जुटा है। उसकी ओर से हाल ही में सभी छह राष्ट्रीय दलों को अलग-अलग बातचीत करने के लिए आमंत्रित किया गया था। कांग्रेस को छोड़कर बाकी अन्य पांचों राजनीतिक दलों के प्रमुखों और शीर्ष पदाधिकारियों के साथ उनकी बैठकें हो चुकी है।
कांग्रेस के साथ भी उसकी ओर से 15 मई को बैठक प्रस्तावित थी, लेकिन कांग्रेस ने दूसरी व्यस्तताओं का हवाला देते हुए बैठक रद कर दिया था। राहुल गांधी के आरोपों के बाद आयोग से जुड़े उच्च पदस्थ सूत्रों ने यह भी साफ किया है कि राहुल गांधी ने जो मुद्दे अपने लेख में उठाए है उनके जवाब आयोग पहले ही कांग्रेस पार्टी को दे चुकी है।
शिकायत का दिया जाएगा जवाब
- इसके बाद भी यदि राहुल गांधी की ओर से कोई लिखित में शिकायत मिलती है तो वह फिर उसका जवाब देंगे। आयोग एक संवैधानिक संस्था है, वह लिखित शिकायत मिलेगी तो जरूर जवाब देगी। महाराष्ट्र के मतदान केंद्रों की शाम की सीसीटीवी फुटेज की मांग करने वाले राहुल गांधी के सवाल पर आयोग से जुड़े सूत्रों ने कहा कि आयोग के निर्देशानुसार चुनाव याचिका दायर होने पर मतदान केंद्रों की सीसीटीवी फुटेज उच्च न्यायालय द्वारा जांच की जा सकती है, लेकिन इसे ऐसे ही सार्वजनिक नहीं किया जा सकता है।
- इससे मतदाताओं की गोपनीयता खत्म होगी। राहुल गांधी क्यों मतदाताओं की गोपनीयता का अतिक्रमण करना चाहते है। किसी भी गड़बड़ी की जांचने लिए उन्हें उच्च न्यायालयों पर भरोसा करना चाहिए। गौरतलब है कि राहुल गांधी ने शनिवार को एक लेख लिखकर चुनाव आयोग पर महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में गड़बड़ी के गंभीर आरोप लगाए थे।