वाशिंगटन पोस्ट के पत्रकार ईशान थरूर के सवाल पर शशि थरूर दूसरे देशों के रुख के बारे में विस्तार से बताया है. लगे हाथ शशि थरूर ने ऑपरेशन सिंदूर पाकिस्तान के आतंकवाद से रिश्तों के तीन ठोस सबूत भी गिना दिए – पिता-पुत्र का अंतर्राष्ट्रीय मंच पर ये संवाद भारत की सैन्य और कूटनीतिक का दस्तावेज बन गया है.
कुछ वाकये दुर्लभ होते हैं. शशि थरूर और ईशान थरूर के बीच सवाल जवाब के पल कुछ ऐसे ही थे. शशि थरूर ऑपरेशन सिंदूर के बाद विदेश दौरे पर सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करते हुए अमेरिका में थे, और प्रेस कांफ्रेंस में उनके बेटे ईशान थरूर अमेरिकी अखबार वाशिंगटन पोस्ट के प्रतिनिधि के रूप में पहुंचे थे. बतौर पत्रकार, ईशान थरूर ने जो सवाल पूछा, उसके जवाब में शशि थरूर ने जो कुछ कहा वो, असल में, ऑपरेशन सिंदूर की सैन्य और कूटनीतिक कामयाबी का संग्रहणीय दस्तावेज है.
प्रेस कांफ्रेंस में शशि थरूर ने सवाल के जवाब के साथ साथ ये भी बताया कि पहलगाम आतंकी अटैक में शामिल 5 में से 4 हमलावरों की पहचान भी की जा चुकी है. खुफिया जानकारी का हवाला देते हुए शशि थरूर ने बताया कि हमलावरों में दो तो पाकिस्तानी हैं, और दो स्थानीय हैं जो 10 साल पहले पाकिस्तान जाकर ट्रेनिंग लेकर लौटे थे.
ईशान थरूर का सवाल इस बात को लेकर था कि ऑपरेशन सिंदूर को लेकर जिन देशों में भारतीय प्रतिनिधिमंडल गया, क्या वे किसी तरह के सबूत की बात भी कर रहे थे? और फिर शशि थरूर ने बेटे के सवाल के जवाब के साथ दुनिया को फिर से ये भी समझा दिया कि भारत बगैर ठोस सबूत के ऑपरेशन सिंदूर जैसी कोई कार्रवाई कर ही नहीं सकता. शशि थरूर ने सबको बताया कि ये कोई आम आतंकी हमला नहीं था, बल्कि एक खासतौर पर प्लान करके आर्मी वाली स्टाइल में किया गया ऑपरेशन था, और भारत ने पूरी जिम्मेदारी के साथ सटीक जवाब दिया है.